व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी: 40% तक सस्ती हो सकती हैं गाडियां, देश में जल्द खुलेंगे 450-500 व्हीकल फिटनेस सेंटर,
केन्द्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी (VVMP) को लॉन्च कर दिया है. ये पॉलिसी देश की सड़कों से 15 से 20 साल पुराने वाहन हटाने में मददगार होगी. जानें पूरी खबर
🔗प्रधानमंत्री ने लॉन्च की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी
🔗स्क्रैपिंग से 40% तक सस्ती होंगी नई गाड़ियां
🔗स्क्रैपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए गुजरात में इन्वेस्टर समिट
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को गांधीनगर में एक इन्वेस्टर समिट के दौरान लॉन्च किया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से VVMP की एक हैंडबुक भी लॉन्च की. समिट देश में स्क्रैपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश आकर्षित करने के लिए बुलाया गया है.
केंद्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी (VVMP) को लॉन्च कर दिया है. ये पॉलिसी देश की सड़कों से 15 से 20 साल पुराने वाहन हटाने में मददगार होगी.
सरकार के अनुसार नई स्क्रैपज पॉलिसी से आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. इससे देश में 10 हजार करोड़ रुपये का नया निवेश आने की उम्मीद. साथ ही, अगले 25 साल में बहुत कुछ बदल जाएगा.
देखा जाए तो देश की अर्थव्यवस्था के लिए मॉबिलिटी बड़ा फैक्टर है, आर्थिक विकास में ये काफी मददगार होगा. साथ ही इससे ज्यादा रोजगार पैदा होंगे.
क्या होंगे नए नियम?
आपको बता दें कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी जहां 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी, वहीं निजी कार के लिए यह समय 20 साल है. अगर आसान शब्दों में कहें तो आपकी 20 साल पुरानी निजी कार को रद्दी माल की तरह कबाड़ी में बेच दिया जाएगा.
वाहन मालिकों को तय समय बाद ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर ले जाना होगा. सरकार का दावा है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों का न केवल आर्थिक नुकसान कम होगा, बल्कि उनके जीवन की सुरक्षा हो सकेगी. सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी होगी.
पॉलिसी के मुताबिक, 20 साल पुराने ऐसे वाहन जो फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे या दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे, उनको डी-रजिस्टर किया जाएगा. उनका पहले का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से खत्म किया जाएगा, ताकि वे सड़क पर चलने योग्य ना रहें. इसके अलावा 15 साल पुराने प्राइवेट वाहनों को दोबारा रजिस्टर्ड कराने के लिए ज्यादा पैसा देना होगा.
नए नियम कब से लागू होंगे नियम
फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर से जुड़े नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू होंगे. सरकारी और PSU से जुड़े 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने वाले नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे. कॉमर्शियल व्हीकल्स के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे.अन्य वाहनों के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 जून 2024 से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे.
बनेंगे 400 से 500 फिटनेस सेंटर
केंद्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी (VVMP) को लॉन्च कर दिया है. ये पॉलिसी देश की सड़कों से 15 से 20 साल पुराने वाहन हटाने में मददगार होगी
इस मौके पर केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के हिसाब से वाहनों को एक फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. इसके लिए देशभर में लोक-निजी भागीदारी (PPP) मोड में 400 से 500 व्हीकल फिटनेस सेंटर बनेंगे. वहीं 60 से 70 रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर होंगे.
गडकरी ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि फिटनेस टेस्ट के लिए व्हीकल को 150 से 200 किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं ले जाना पड़े. ये फिटनेस सेंटर पूरी तरह से ऑटोमेटेड होंगे.
क्या नई पॉलिसी के बाद आम लोगों को सस्ते में मिलेगी कार?
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में स्क्रैपेज पॉलिसी लॉन्च करते वक्त बताया था कि. हमने एक एडवाइजरी जारी कर सभी ऑटोमेकर्स को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नये वाहन की खरीद पर 5 फीसदी का डिस्काउंट देने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी एक विन विन पॉलिसी है, जिससे ना सिर्फ प्रदूषण में तेजी से कमी लाई जा सकेगी बल्कि ऑटो सेक्टर को भी फायदा मिलेगा.
40% सस्ती होंगी गाड़ियां
नितिन गडकरी ने ये भी कहा कि ये स्क्रैपिंग पॉलिसी नए वाहनों को 40% तक सस्ता बनाएगी. क्योंकि पुरानी गाड़ियों से निकलने वाले कबाड़ से 99% मेटल को रिकवर किया जा सकता है. इससे वाहनों की लागत कम होगी. वहीं इलेक्ट्रिक सामान और वाहनों के लिए भी कॉपर, लीथियम जैसा सस्ता कच्चा माल इस स्क्रैपिंग से मिलेगा, जिससे एंड प्रोडक्ट भी सस्ता होगा.
सबके लिए फायदेमंद स्क्रैप पॉलिसी
नितिन गडकरी ने कहा कि इस पॉलिसी ग्राहकों को ग्रीन टैक्स से छूट, 40% तक सस्ती नई गाड़ी, ईंधन पर बचत, मेंटनेंस कॉस्ट कम होने जैसे कई फायदे होंगे. वहीं ऑटो कंपनियों की सेल बढ़ेगी और कॉस्ट कम होने से उनका निर्यात भी बढ़ेगा, स्क्रैपिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तो नई नौकरियां आएंगी. वहीं नए वाहनों की सेल से सरकार को GST के तौर पर 30,000-40,000 करोड़ रुपये रिवेन्यू आएगा. इससे देश में रोड सेफ्टी बढ़ेगी और प्रदूषण भी कम होगा.
पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर ग्राहकों को एक डिपॉजिट सर्टिफिकेट मिलेगा, जिससे नई गाड़ी की खरीद पर भारी डिस्काउंट, रजिस्ट्रेशन और टैक्स पर छूट भी मिलेगी.
मिलेगा इतना रोज़गार
नितिन गडकरी ने कहा कि इस पॉलिसी से देश में स्क्रैपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने की उम्मीद है. फिटनेस सेंटर से जहां प्रत्यक्ष रोज़गार पैदा होगा. वहीं स्क्रैपिंग उद्योग को बढ़ावा मिलने से कई स्तर पर अप्रत्यक्ष रोज़गार भी पैदा होगा. इस पॉलिसी से देशभर में 35,000 से ज्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा.
पॉलिसी से कार मालिक को क्या फायदे होंगे?
ऑटो सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर वाहन मालिकों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस सर्टिफिकेट को दिखाकर नया वाहन खरीदने पर 5 फीसदी की छूट मिलेगी. यह छूट ऑटो कंपनियां देंगी. नया वाहन खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देना होगा. नया पर्सनल व्हीकल खरीदने पर रोड टैक्स में 25 फीसदी की छूट मिलेगी. कमर्शियल व्हीकल खरीदने वालों को रोड टैक्स में 15% की छूट मिलेगी.
मेरी पुरानी कार की कीमत किस आधार पर तय होगी?
मार्च में संसद सत्र के दौरान व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी पेश करते हुए नितिन गडकरी ने बताया था कि स्क्रैप किए जाने वाले वाहन की वैल्यू नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत के आधार पर होगी. स्क्रैप किए जाने वाले वाहन की वैल्यू एक्स-शोरूम प्राइस की 4-6 फीसदी हो सकती है.
कॉमर्शियल वाहनों के लिए नियम क्या है?
शुरुआत में कमर्शियल वाहनों को ऑटोमेटिड फिटनेस टेस्ट के आधार पर पर स्क्रैप किया जाएगा. जबकि निजी वाहनों को दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के आधार पर स्क्रैप किया जाएगा. ये नियम जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसे देशों के आधार पर तय किए गए हैं.
अगर मेरी गाड़ी फिटनेस टेस्ट पास नहीं किया तो क्या होगा?
अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, ऐसी गाड़ियां जो फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाएंगी. उनको ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल’ घोषित किया जाएगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो ऐसी गाड़ियों को सड़क पर नहीं चलाया जा सकेगा.
पॉलिसी में 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट पाने में विफल रहने पर डी-रजिस्टर करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट कराने के लिए भी ज्यादा टैक्स देना होगा.
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