Honey Singh के खिलाफ कोर्ट पहुंचीं पत्नी, लगाया मारपीट का आरोप। क्या कहता है कानून?

बॉलीवुड रैपर यो यो हनी सिंह के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया गया है. हनी सिंह की पत्नी शालिनी तलवार ने कथित तौर पर उन पर आरोप लगाते हुए दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में "घरेलू हिंसा महिला संरक्षण अधिनियम" के तहत मामला दायर किया है.



पॉप्युलर रैपर और सिंगर हनी सिंह (Honey Singh) उर्फ हृदेश सिंह पर उनकी पत्‍नी ने मारपीट और यौन हिंसा के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। सिंगर की पत्नी शालिनी तलवार (Shalini Talwar) ने 'द प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्रॉम डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट' के तहत दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में याचिका दाखिल की है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने हनी सिंह को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है। हनी सिंह के ख‍िलाफ घरेलू हिंसा की धाराओं में याचिका दाख‍िल की गई है।

शालिनी तलवार ने हनी सिंह पर शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा, मानसिक उत्पीड़न और आर्थिक हिंसा का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने पति के अलावा हनी सिंह के माता-पिता और बहन पर भी मारपीट करने, प्रताड़‍ित करने और शोषण करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।


28 अगस्त तक देना होगा जवाब

शालिनी तलवार की याचिका पर तीस हजारी कोर्ट ने हनी सिंह के खिलाफ एक नोटिस जारी किया है और उनसे 28 अगस्त से पहले जवाब देने के लिए कहा है। वहीं, दोनों की ज्वॉइंट प्रॉपर्टी को न बेचने और स्त्रीधन से छेड़छाड़ करने पर भी हनी सिंह पर रोक लगाई है।

अदालत ने हनी सिंह को नोटिस जारी कर अपना जवाब देने के लिए 28 अगस्त तक का वक्त दिया है. हनी सिंह की पत्नी तलवार ने उन पर आरोप लगाया है कि हनी सिंह उनको शारीरिक मानसिक और मौखिक आदि तरीकों से शोषित किया करते थे.


पत्नी ने मांगा 20 करोड़ रुपये का मुआवजा

इसके अलावा पत्नी शालिनी ने हनी सिंह पर दूसरी महिलाओं के साथ "कैजुअल सेक्स" के भी आरोप लगाए हैं. पत्नी ने ये भी कहा कि हनी सिंह गाने, शो और रॉयल्टी से हर महीने 4 करोड़ रुपए कमाया करते थे और उसी समय उन्हें शराब और ड्रग्स की भी लत लग गई थी. वह उनके साथ गाली गलौज भी किया करते थे.


2011 में हुई थी शादी

हनी सिंह और शालिनी तलवार ने लंबी दोस्ती के बाद साल 2011 में शादी की थी। एक वक्त था जब हनी सिंह की आवाज का जादू हर दिल पर छाया था। फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि वह इंडस्ट्री से गायब हो गए। दरअसल खबर आई कि हनी सिंह भी शराब और ड्रग्स के आदी हो गए और उन्हें ठीक होने के लिए रीहैब सेंटर भेजा गया था।


बॉलीवुड रैपर यो यो हनी सिंह के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया गया है. हनी सिंह की पत्नी शालिनी तलवार ने कथित तौर पर उन पर आरोप लगाते हुए दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में "घरेलू हिंसा महिला संरक्षण अधिनियम" के तहत मामला दायर किया है.




घरेलू हिंसा कानून के क्या है प्रावधान

कानूनी जानकारों के मुताबिक प्रोटेक्शन ऑफ वूमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट (डीवी एक्ट) के तहत कोई भी महिला जो डोमेस्टिक रिलेशन में रहती है वह शिकायत कर सकती है।

जो महिला डोमेस्टिक रिलेशन में है और एक ही छत के नीचे अन्य के साथ रहती हो तो वह महिला प्रताड़ना की स्थिति में शिकायत कर सकती है।

डीवी एक्ट के तहत एक महिला जो शादी के रिलेशन में हो तो वह किसी भी दूसरे शख्स के खिलाफ शिकायत कर सकती है। वह दूसरा शख्स कोई पुरुष व महिला दोनों हो सकते हैं लेकिन वह डोमेस्टिक रिलेशन में होने चाहिए।

अगर महिला शादी के रिलेशन में नहीं है और उसके साथ डोमेस्टिक रिलेशन में प्रताड़ना होता है तो वह ऐसी स्थिति में इसके लिए जिम्मेदार पुरुष को प्रतिवादी बना सकती है।

कोई पत्नी, बहन, मां, भाभी, बेटी आदि अगर डोमेस्टिक रिलेशन में हों और एक ही घर के नीचे रह रही हों तो वह डीवी एक्ट के तहत शिकायत कर सकते हैं।

डीवी एक्ट के तहत वह महिला भी अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है जो लिवइन रिलेशनशीप में रह रही हो।

2005 में बना यह कानून भूतलक्षी प्रभाव से लागू होता है यानी 2005 से पहले हुई घरेलू हिंसा के मामले में भी यह प्रभावकारी है।

घरेलू हिंसा का मतलब है महिला के साथ किसी भी तरह की हिंसा या प्रताडऩा। अगर महिला के साथ मारपीट की गई हो या फिर मानसिक प्रताड़ना दी गई हो तो वह डीवी एक्ट के तहत कवर होगा।

महिला के साथ मानसिक प्रताड़ना से मतलब है ताना मारना या फिर गालीगलौच करना या फिर अन्य तरह से भावनात्मक ठेस पहुंचाना।

इसके अलावा आर्थिक प्रताड़ना भी इस मामले में कवर होता है।यानी किसी महिला को खर्चा न देना या फिर उसकी सैलरी आदि ले लेना या फिर उसके नौकरी आदि से संबंधित दस्तावेज कब्जे में ले लेना भी प्रताड़ना है।

इन तमाम मामलों में महिला चाहे पत्नी हो या फिर बेटी या मां ही क्यों ना हो, वह इसके लिए आवाज उठा सकती है और घरेलू हिंसा कानून का सहारा ले सकती है।

अगर किसी महिला को प्रताड़ित किया जा रहा हो, उसे घर से निकाला जा रहा हो या फिर आर्थिक तौर पर परेशान किया जा रहा हो तो वह डीवी एक्ट के तहत शिकायत कर सकती है।

डीवी एक्ट की धारा-12 के तहत महिला संबंधित मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट की कोर्ट में शिकायत कर सकती है।शिकायत पर सुनवाई के दौरान अदालत प्रोटेक्शन ऑफिसर से रिपोर्ट मांगता है।

महिला जहां रहती है या जहां उसके साथ घरेलू हिंसा किया गया है या फिर जहां प्रतिवादी रहते हैं वहां शिकयात की जा सकती है।

प्रोटेक्शन ऑफिसर इंसिडेंट रिपोर्ट अदालत के सामने पेश करता है और उस रिपोर्ट को देखने के बाद अदालत प्रतिवादी को समन जारी करता है।

प्रतिवादी का पक्ष सुनने के बाद अदालत अपना आदेश पारित करती है।इस दौरान अदालत महिला को उसके डोमेस्टिक हाउस में रखने का आदेश दे सकती है।खर्चा देने के लिए कह सकती है या फिर उसे प्रोटेक्शन देने का आदेश दे सकती है।

अदालत के आदेश में किसी भी तरह का दखल नहीं हो सकता।अगर अदालत महिला के फेवर में आदेश पारित करती है और प्रतिवादी कोई दखल देता है तो डीवी एक्ट-31 के तहत प्रतिवादी पर केस बनता है।

 डीवी एक्ट 31 के तहत मुकदमा चलाया जाता है और उसमें दोषी पाए जाने पर एक साल तक कैद की सजा का प्रावधान है साथ ही 20 हजार रुपये तक जुर्माने का भी प्रावधान है।

डीवीएक्ट-31 के तहत चलने वाला केस गैर जमानती और कॉग्नेजिबल होता है।अदालत आदेश का पालन कराने के लिए स्थानीय पुलिल से सहायता लेती है

अगर डीवी एक्ट के तहत की गई शिकायत पर सुनवाई के दौरान दहेज प्रताड़ना का मामला सामने आता है तो अदालत में दहेज प्रताड़ना का केस भी चल सकता है।

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