ओलंपिक में जल्द दिखेगा क्रिकेट, IOC और ICC ने दी बड़ी खुशखबरी
आईसीसी काफी समय से प्रयास कर रहा है कि क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करवाया जाए। उसका टारगेट है कि 2028 में लॉस एंजेलिस ओलिंपिक में इसे जगह मिल जाए।
23 जुलाई से जापान की राजधानी टोक्यो में शुरू हुए ओलंपिक खेल अब खत्म हो चुके हैं। कोरोना वायरस महामारी के बीच आयोजित हुए इन खेलों में भारत ने अब तक का अपना बेस्ट प्रदर्शन किया। क्रिकेट के जबरदस्त शौकीन भारतीय फैन्स हमेशा इस चाहत में रहते हैं कि ओलंपिक खेलों में क्रिकेट गेम को भी शामिल किया जाए, जिससे देश के गोल्ड जीतने की संभावना बढ़ जाए। ओलंपिक खेलों में आखिरी बार क्रिकेट को सन 1900 में शामिल किया गया था। इस बीच फैन्स के लिए एक खुशखबरी सामने आ रही है, जिसके तहत जल्द ही में ओलंपिक खेलों में भी चौके-छक्के का रोमांच देखने को मिल सकता है। इस बात की सूचना इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने दी है।
आईसीसी पिछले कुछ समय से क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करने की कोशिश कर रहा है तथा उसके इस दावे को दुनिया के सबसे धनी बोर्ड भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का भी समर्थन हासिल है।बीसीसीआई सचिव जय शाह (Jai Shah) ने हाल में इस पर अपनी राय स्पष्ट की थी।
बता दें कि क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किए जाने की मांग लंबे वक्त से उठ रही है, भारत की ओर से भी बीसीसीआई कह चुका है कि अगर ऐसा होता है तो भारत इसमें ज़रूर हिस्सा लेगा. अब जब टोक्यो ओलंपिक 2020 खत्म होने के बाद पेरिस ओलंपिक की तैयारियां शुरू हो गई हैं, तो भविष्य की ओर नज़रें लगाई जा रही हैं.
ICC ने कहा है कि अमेरिका में ही करीब 30 मिलियन क्रिकेट फैंस बसते हैं, ऐसे में 2028 में वहां होने वाले ओलंपिक में हम क्रिकेट को शामिल करने की कोशिश में जुटेंगे. अगर क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किया जाता है, तो ये काफी फायदेमंद साबित होगा.
आईसीसी (ICC) ने ओलिंपिक कार्य समूह भी गठित किया है जो कि क्रिकेट को 2028 से ओलिंपिक खेलों का हिस्सा बनाने की दिशा में काम करेगा।
आईसीसी चेयरमैन ग्रेग बारक्ले ने बयान में कहा, ‘हम सब एक इस दावे को लेकर एकमत हैं और हम ओलिंपिक को क्रिकेट के भविष्य के रूप में देखते हैं। हमारे वैश्विक स्तर पर एक अरब से अधिक प्रशंसक हैं और इनमें लगभग 90 प्रतिशत क्रिकेट को ओलिंपिक में देखना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि क्रिकेट के पास मजबूत और जुनूनी प्रशंसकों का आधार है विशेषकर दक्षिण एशिया में जहां उसके 92 प्रतिशत प्रशंसक हैं। इसके अलावा अमेरिका में ही तीन करोड़ क्रिकेट प्रशंसक हैं। इन प्रशंसकों के लिए अपने नायकों को ओलिंपिक पदक के लिये प्रतिस्पर्धा करते हुए देखना शानदार होगा।’
बारक्ले ने हाल में समाप्त हुए टोक्यो ओलिंपिक के आयोजकों को कोविड-19 महामारी के बावजूद खेलों का सफल आयोजन करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा, ‘मैं आईसीसी की तरफ से आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति), टोक्यो 2020 के आयोजकों और जापान के लोगों को मुश्किल परिस्थितियों में भी अद्भुत खेलों के आयोजन के लिए बधाई देना चाहता हूं।’
बारक्ले ने कहा, ‘यह देखना वास्तव में शानदार रहा कि खेल लोगों की भावनाओं पर हावी हो गये और हम भविष्य के खेलों में क्रिकेट की भागीदारी देखना पसंद करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि ओलिंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करना शानदार होगा लेकिन हम जानते हैं कि ओलिंपिक में जगह बनाना आसान नहीं है क्योंकि कई अन्य खेल भी ऐसा चाहते हैं। लेकिन हमें लगता है कि यह हमारे लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने और यह दिखाने का सर्वश्रेष्ठ समय है कि क्रिकेट और ओलिंपिक की भागीदारी कितनी शानदार हो सकती है।’
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष इयान वॉटमोर आईसीसी ओलिंपिक कार्य समूह की अगुवाई करेंगे और उनके साथ आईसीसी की स्वतंत्र निदेशक इंदिरा नूयी भी होंगी।
जिम्बाब्वे क्रिकेट के तावेंग्वा मुकुहलानी, आईसीसी के एसोसिएट सदस्य निदेशक और एशियाई क्रिकेट परिषद के उपाध्यक्ष महिंदा वाल्लिपुरम तथा अमेरिका क्रिकेट के पराग मराठे भी इस कार्य समूह में शामिल हैं।
पहले ओलंपिक खेल में क्रिकेट
जब ओलंपिक खेलों का आयोजन पहली बार 1896 में हुआ था तब उसमें क्रिकेट भी शामिल था, लेकिन कोई टीम ही हिस्सा लेने के लिए मौजूद नहीं थी इसलिए उसे रद्द करना पड़ा.
चार साल बाद 1900 के ओलंपिक खेलों में भी क्रिकेट शामिल था. यह ओलंपिक फ़्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ था. ओलंपिक के इतिहास में क्रिकेट मुक़ाबलों का आयोजन महज एक बार हुआ है, वो भी इसी ओलंपिक के दौरान.
कितनी हैरानी की बात है कि जिस फ्रांस में ओलंपिक खेलों में क्रिकेट मैच का आयोजन हो चुका है, उस फ्रांस का मौजूदा समय में क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है.
पेरिस में आयोजित ओलंपिक खेलों में 19 खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ था, उनमें क्रिकेट भी शामिल था. मुक़ाबले में चार टीमें शामिल थीं- नीदरलैंड्स, बेल्जियम, ब्रिटेन और फ़्रांस. चौंकिए नहीं, फ़्रांस की टीम भी ओलंपिक में क्रिकेट का मुक़ाबला खेल चुकी है.
मुक़ाबला शुरू होने से पहले अचानक बेल्जियम और नीदरलैंड्स ने अपना नाम वापस ले लिया. यानी मुक़ाबले में महज दो टीमें बचीं- ब्रिटेन और फ़्रांस. इन दोनों के बीच केवल एक मुक़ाबला खेला गया और उसे ही फ़ाइनल घोषित किया गया.
इस मुक़ाबले के नियम भी कुछ अलग थे. इन क्रिकेट टीमों के खिलाड़ियों की संख्या 11 न होकर 12 थी. आपको यह भी ध्यान होगा कि उस समय में केवल टेस्ट क्रिकेट यानी पांच दिनों तक चलने वाले मुक़ाबले होते थे, लेकिन ओलंपिक में इसका आयोजन महज़ दो दिनों तक चलने वाले मैच के तौर पर किया गया था.
इसके लिए ब्रिटेन ने अपनी नेशनल टीम नहीं भेजी थी बल्कि ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए स्थानीय क्लब स्तर की टीम भेजी गई थी. फ्ऱांस की टीम भी पेरिस में रहने वाले ब्रिटिश अधिकारियों को शामिल करते हुए बनाई गई थी.
दो दिन चलने वाले मुक़ाबले में ब्रिटेन ने फ्ऱांस को हरा दिया था. यह भी अचरज की बात है कि इस मुक़ाबले की विजेता टीम को गोल्ड मेडल नहीं मिला था. बल्कि ब्रिटिश टीम को सिल्वर मेडल मिला था और फ़्रांसीसी टीम को ब्रॉन्ज़ मेडल दिया गया था.
दोनों टीमों को स्मृति चिन्ह के तौर पर आइफ़िल टावर की तस्वीर दी गई थी. लेकिन सबसे रोचक बात यह थी कि इन दोनों टीमों को नहीं मालूम था कि वे ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं.
दोनों टीमों को मुक़ाबले में उतरते वक्त यह मालूम था कि वैश्विक मेले के दौरान एक मैच में वे हिस्सा ले रहे हैं. दरअसल ओलंपिक खेलों के आयोजन के वक्त ही पेरिस में वैश्विक मेले का आयोजन भी चल रहा था.
ओलंपिक खेलों के आधिकारिक आंकड़ों में भी इस मुक़ाबले को 12 साल बाद शामिल किया गया और तब दोनों टीमों को गोल्ड और सिल्वर मेडल दिया गया.
पेरिस ओलंपिक खेलों में यह भी तय किया गया कि सेंट लुई में होने वाले तीसरे ओलंपिक खेलों के दौरान भी क्रिकेट शामिल होगा. मगर एक बार फिर इसमें शिरकत करने वाले देश नहीं मिले और इसके चलते क्रिकेट प्रतियोगिता को शामिल करने की योजना रद्द करनी पड़ी. उसके बाद अब तक ओलंपिक खेलों में क्रिकेट शामिल नहीं हो पाया.
ओलंपिक में कोई नया खेल कैसे शामिल होता है?
क्रिकेट को फ़ॉलो करने वाले लोगों की संख्या एक अरब से ज़्यादा है, लेकिन यह अभी कुछ ही देशों में लोकप्रिय है. ज़्यादातर क्रिकेट फ़ैंस भारतीय उपमहाद्वीप के देश भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में मौजूद हैं.
भारत में क्रिकेट एक 'धर्म की तरह' है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल 10-11 देशों को टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा मिला हुआ है. इसका मतलब है कि इन्हीं देशों में क्रिकेट खेला जाता है.
क्या आने वाले दिनों में क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा बन सकता है. इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि ओलंपिक खेलों में किसी नए खेल को कैसे शामिल किया जाता है?
हम जानते हैं कि हाल के दिनों में, बेसबॉल, स्केट बोर्डिंग और सर्फ़िंग को ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया है.
पहले ओलंपिक में किसी भी खेल को शामिल करने का फ़ैसला अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) करती थी. लेकिन अब आईओसी ने ओलंपिक में किसी नए खेल को शामिल करने की ज़िम्मेदारी मेजबान देश के ओलंपिक आयोजन समिति को दे दी है.
यह बदलाव ओलंपिक 2020 एजेंडे के लागू होने के बाद किया गया है. इसका उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों, ख़ासकर युवाओं तक पहुंचना है. टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति ने नए खेलों को टोक्यो ओलंपिक में शामिल करने का प्रस्ताव 2015 में दिया था.
आईओसी ने इस प्रस्ताव को 2016 में स्वीकार कर लिया था.
तब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा था, "हम खेल को युवाओं तक ले जाना चाहते हैं. युवाओं के पास अब कहीं ज़्यादा विकल्प मौजूद हैं, लिहाज़ा हम ये उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि वे अपने आप हमारे पास आएंगे. हमें उनके पास जाना होगा. इसको ध्यान में रखते हुए जापान में लोकप्रिय पांच स्थापित और उभरते हुए खेलों को शामिल कर रहे हैं जो टोक्यो ओलंपिक की लेगेसी को बढ़ाएगा."
हालांकि मेज़बान देश की आयोजन समिति किन खेलों को शामिल करने पर विचार कर सकती है, इसको लेकर कुछ प्रावधान हैं.
पहली शर्त तो यही है कि उस खेल की प्रतियोगिताओं को आयोजित करने के लिए मेजबान देश के पास पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए. इसके साथ ही मेज़बान देश में उस खेल को लेकर एक संस्कृति होनी चाहिए. इससे यह भी स्पष्ट है कि कोई खेल जो एक ओलंपिक में शामिल है ज़रूरी नहीं है कि वो अगले ओलंपिक खेलों में भी शामिल रहे.
क्या क्रिकेट को दूसरा मौका मिला मिलेगा?
2024 में ओलंपिक खेलों का आयोजन पेरिस में होना है और इसके बाद 2028 का ओलंपिक लॉस एंजेलिस में होगा. अमेरिका और फ़्रांस, दोनों देश क्रिकेट नहीं खेलते हैं.
इन दोनों देशों में क्रिकेट बहुत लोकप्रिय भी नहीं है. ऐसे में इन देशों में क्रिकेट के लिए ज़रूरी बुनियादी सुविधाएं और स्टेडियम का अभाव भी है.
इसलिए ये दोनों देश ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करें, इसकी संभावना कम है लेकिन हम आईसीसी के प्रयासों को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते।
आईसीसी पिछले कुछ समय से क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करने की कोशिश कर रहा है तथा उसके इस दावे को दुनिया के सबसे धनी बोर्ड भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का भी समर्थन हासिल है।
आईसीसी के अनुसार,- अमेरिका में ही करीब 30 मिलियन क्रिकेट फैंस बसते हैं, ऐसे में 2028 में वहां होने वाले ओलंपिक में हम क्रिकेट को शामिल करने की कोशिश में जुटेंगे. अगर क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किया जाता है, तो ये काफी फायदेमंद साबित होगा.
आईसीसी (ICC) ने ओलिंपिक कार्य समूह भी गठित किया है जो कि क्रिकेट को 2028 से ओलिंपिक खेलों का हिस्सा बनाने की दिशा में काम करेगा।
आईसीसी और बीसीसीआई के इन तमाम प्रयासों से अब ऐसा लगने लगा है कि वह दिन दूर नहीं जब एक बार फिर से ओलंपिक में चौके छक्कों की बारिश होगी।
आईसीसी की कोशिश
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल, 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल कराने के लिए प्रयास कर रहा है. इसके लिए क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ानी होगी और आईसीसी ने इस उद्देश्य के तहत एक ओलंपिक कमेटी भी बनाई है.
पिछले साल अक्टूबर में आईसीसी ने सदस्य देशों से पूछा था कि अगर ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किया जाता है तो वे अपने देश की सरकार से कितनी वित्तीय सहायता हासिल कर सकते हैं.
आईसीसी ने अपने सदस्य क्रिकेट बोर्डों को सवालों की एक सूची भेजी थी.
वैसे आईसीसी ने ऐसी कोशिशें पहले भी की हैं, लेकिन उसमें कोई कामयाबी नहीं मिली. पर लॉस एंजेलिस ओलंपिक खेलों के लिए आईसीसी एक बार फिर कोशिशों में जुटा है।
आईसीसी का मानना है कि ओलंपिक खेलों में क्रिकेट के शामिल होने से विश्व भर में क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ेगी. सबसे अहम बात यह है कि इससे क्रिकेट देखने वाले दर्शकों की संख्या भी बढ़ेगी.
ऐसी ख़बरें भी आई हैं कि आईसीसी ने इस दिशा में एक प्रस्ताव भी तैयार किया है.
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि 'अगर ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किया जाता है तो ओलंपिक आंदोलन को अपने प्रशंसकों से जोड़ने के लिहाज़ से यह बेजोड़ मौका उपलब्ध कराएगा क्योंकि भारतीय उपमहाद्वीप में बड़ी संख्या में क्रिकेट फ़ैंस मौजूद हैं.'
आईसीसी के मुताबिक भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे ज़्यादा क्रिकेट फ़ैंस मौजूद हैं.
इस प्रस्ताव के मुताबिक़ दुनिया भर में एक अरब से ज़्यादा क्रिकेट फ़ैंस मौजूद हैं. इनमें 92 प्रतिशत फ़ैंस भारतीय उपमहाद्वीप के देशों (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका) में मौजूद हैं. ऐसे में क्रिकेट की लोकप्रियता से लॉस एंजेलिस ओलंपिक को भी फ़ायदा होगा.

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