Global Youth Development Index: 181 देशों की रैंकिंग में भारत 122वें नंबर पर, जानें कौन सा देश है टॉप पर
2020 के ग्लोबल यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स में एक और बात सामने आई है कि 2010 और 2018 की तुलना में दुनिया में युवाओं की स्थिति में 3.1 प्रतिशत का सुधार आया है.
लंदन (London) में राष्ट्रमंडल सचिवालय (Commonwealth Secretariat) द्वारा जारी 181 देशों में युवाओं की स्थिति को मापने वाले नए वैश्विक युवा विकास सूचकांक (Global Youth Development Index) 2020 में भारत (India) 122वें स्थान पर है। सबसे ऊपर सिंगापुर (Singapore) है उसके बाद स्लोवेनिया (Slovenia), नॉर्वे (Norway), माल्टा (Malta) और डेनमार्क (Denmark) है। चाड (Chad), मध्य अफ्रीकी गणराज्य (Central African Republic), दक्षिण सूडान (South Sudan), अफगानिस्तान (Afghanistan) और नाइजर (Niger) क्रमशः अंतिम स्थान पर रहे।
2010 और 2018 के बीच युवा विकास के मामले में सुधार करने वाले देशों की सूची में भारत शीर्ष पांच में शामिल है. इसके अलावा शिक्षा व रोजगार के मामले में अफगानिस्तान और रूस के स्कोर में भी सुधार हुआ है. (Global Youth Development Index: India ranks 122 among 181 countries Singapore is on top)
‘2020 ग्लोबल यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स’ के मुताबिक 2010 से 2018 के बीच जिन पांच देशों ने सुधार किया है, उनमें अफगानिस्तान, भारत, रूस, इथियोपिया और बुरकीना फासो शामिल हैं. कॉमनवेल्थ की महासचिव बारोनेस पैटरिका स्कॉटलैंड ने इस मौके पर कहा कि भविष्य के लिए युवा बहुत जरूरी हैं. कड़ी मेहनत के साथ उनकी जरूरतों व योगदान का पता लगाना, उनके विकास के लिए अहम है. इसी के जरिए हम पॉजिटिव प्रभाव के साथ युवाओं का भला कर हम सब के लिए बेहतर भविष्य तैयार कर पाएंगे.
ये हैं शीर्ष पांच देश
युवाओं के विकास के मामले में सिंगापुर सबसे आगे है. ग्लोबल रैंकिंग के मुताबिक सिंगापुर पहले नंबर पर रहा है. इसके बाद स्लोवेनिया, नॉर्वे, माल्टा और डेनमार्क का नंबर है. जबकि चाड, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, दक्षिण सूडान, अफगानिस्तान और नाइजर सबसे निचले पायदान पर हैं.
इस आधार पर होती है रैंकिंग
इंडेक्स में 0.00 से 1.00 के बीच देशों को रैंकिंग दी जाती है. युवाओं की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, समानता, शांति व सुरक्षा और राजनीतिक व नागरिक भागीदारी के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है. 15 से 29 साल के दुनियाभर के युवाओं की सही स्थिति जानने के लिए 27 संकेतकों को शामिल किया जाता है. यह आंकड़े कोरोना महामारी के फैलने से पहले के हैं. ऐसे में महासचिव स्कॉटलैंड का कहना है कि हमें कुछ जरूरी कदम तुरंत उठाने होंगे, नहीं तो महामारी से पहले जो फायदा दिख रहा है, वह बेकार हो जाएगा.
सूचकांक के बारे में:
युवा शिक्षा (youth education), रोजगार (employment), स्वास्थ्य (health), समानता और समावेश (equality and inclusion), शांति और सुरक्षा (peace and security), और राजनीतिक और नागरिक भागीदारी (political and civic participation) के विकास के अनुसार सूचकांक 0.00 (निम्नतम) और 1.00 (उच्चतम) के बीच देशों को रैंक करता है।
यह साक्षरता (literacy) और मतदान (voting) सहित 27 संकेतकों को देखता है, जो 15 से 29 वर्ष की आयु के बीच दुनिया के 1.8 बिलियन लोगों की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
2020 के वैश्विक युवा विकास सूचकांक (Global Youth Development Index) से पता चलता है कि 2010 और 2018 के बीच दुनिया भर में युवाओं की स्थिति में 3.1 प्रतिशत का सुधार हुआ है।
कुल मिलाकर, सूचकांक 2010 के बाद से शांति प्रक्रियाओं (peace processes) और उनकी शिक्षा (education), रोजगार (employment), समावेश (inclusion) और स्वास्थ्य देखभाल (health care) में युवाओं की भागीदारी में प्रगति को दर्शाता है।
दुनियाभर में युवाओं की स्थिति में सुधार
2020 के ग्लोबल यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स में एक और बात सामने आई है कि 2010 और 2018 की तुलना में दुनिया में युवाओं की स्थिति में 3.1 प्रतिशत का सुधार आया है. कुल मिलाकर इंडेक्स यह दिखाता है कि 2010 के बाद से युवा शांति प्रक्रियाओं और अपनी शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार कर रहे हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा सुधार स्वास्थ्य में ही आया है. दुनियाभर में इसमें 4.39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और युवाओं की मृत्यु दर में 1.6 फीसदी की गिरावट आई है. वैश्विक शिक्षा में भी 3 फीसदी का सुधार हुआ है और सबसे ज्यादा सुधार 16 प्रतिशत दक्षिण एशिया में ही हुआ है.
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